मध्य प्रदेश लोकतांत्रिक अधिकार मंच के सदस्यों ने बुधवार को रंगमहल चौराहे से राजभवन तक मार्च निकाला। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA), राष्ट्रीय जनसंख्या पंजीयन (NPR) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजीयन (NRC) के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन और मार्च के बाद राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया गया गया। इसमें मांग की गई कि दिल्ली में हो रही हिंसा का मुख्य आरोपी भाजपा नेता कपिल मिश्रा को बनाया जाए। इसके अलावा उन तमाम लोगों के खिलाफ़ दंगा भड़काने, उकसाने सहित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाए, जिन्होंने पिछले कुछ दिनों में भड़काऊ बयान दिए हैं, जिससे हिंसा भड़की है।
राज्यपाल को दिए ज्ञापन में शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हो रहे जानलेवा हमलों और दिल्ली में हो रही हिंसा की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच, हिंसा को बढ़ावा देने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने, इनके प्रमुखों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है। मार्च निकाल रहे लोगों ने कहा कि भाजपा द्वारा सत्ता का दुरुपयोग कर दमनकारी कार्रवाइयों को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके राजनैतिक हस्तक्षेप पर तत्काल अंकुश लगाया जाए। दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को उचित मुआवज़ा दिया जाए।घायलों को तत्काल इलाज़ सुनिश्चित किया जाए और हिंसा रोकने के लिए ठोस और उचित कदम उठाने समेत आठ प्रकार की मांग की गई हैं।
शांति मार्च के दौरान लोगों ने कहा- सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ़ देश और प्रदेश में चल रहे सभी शांति पूर्ण प्रदर्शनों–धरना स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का दायित्व है। साथ ही राष्ट्रीय जनगणना 2021 और एनपीआर को आपस में जोड़कर इसके लिए 8754 करोड़ आवंटित किया गया है, जबकि नागरिकता संशोधन कानून 2003 के अनुसार एनपीआर के आधार पर देशभर में एनआरसी लागू की जाएगी, जो कि असंवैधानिक है। इसलिए तत्काल एनपीआर के लिए आवंटित की गई अतिरिक्त 3941 करोड़ रुपए की राशि का आवंटन निरस्त किया जाए। क्योंकि इससे शासकीय संपत्ति और शासकीय कर्मचारियों का दुरुपयोग मात्र है।